पुस्तक
समीक्षा
पुस्तक
का नाम - निर्मला
पुस्तक
का लेखक- मुंशी प्रेमचंद
प्रकाशक
का नाम - हिन्द पॉकेट बुक्स प्राइवेट लिमिटेड
प्रकाशन
वर्ष - 1927,2011
प्रकाशन
का स्थान - नई दिल्ली
पुस्तक
का मूल्य - 95/
कुल
पृष्ठ - 190
पुस्तक
की भाषा - हिंदी
परिग्रहण
संख्या - 1366
ग्रन्थालय मे पुस्तक का स्थान - आंचलिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, भुवनेश्वरपुस्तक के लेखक के बारे मे,अमर कथाकार प्रेमचंद हिंदी के आधुनिक कहानी के जन्मदाता माने जाते है,जिन्होंने लगभाग 300 कहानियां और लगभग 15 उपन्यास लिखे है ।इन्ही मे से" निर्मला " मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित एक प्रसिद्ध उपन्यास है, जिसका प्रकाशन 1927 मे हुआ, इस उपन्यास मे दहेज प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बनाया गया है,कुछ प्रमुख उपन्यासों के नाम निम्नानुसार है, जैसे गबन,गोदान,पंच परमेश्वर ,कफ़न, शतरंज के खिलाड़ी,मानसरोवर ,कर्मभूमि, रंगभूमि, ईदगाह इत्यादि। ।
समीक्षा -
इस कहानी मे निर्मला जो कि प्रमुख
पात्र है,का विवाह एक सम्पन्न घराने मे तय होता
है।परंतु एकाएक दुर्घटना वश उसके पिता की मृत्यु के पश्चात स्थितियां बदल जाती है,अतः उसकी मां उसका विवाह एक प्रौढ़
व्यक्ति से कर देती है, जो कि तीन संतानों का पिता है ।निर्मला
अपने पति को सम्मान तो देती है, परंतु
प्रेम नहीँ कर पाती । निर्मला एक 15
वर्ष की सुंदर और सुशील लड़की है । लेकिन दहेज देने की क्षमता न होने के कारण उसका
अनमेल विवाह हो जाता है ।
निर्मला चरित्र कि पवित्र होने के बावजूद भी उसे समाज और अपने पति की गलत
नज़रों का शिकार होना पड़ता है , जिससे
उसे समाज मे अनादर का सामना करना पड़ता है,निर्मला
जीवन भर संघर्ष करती हुई विषम परिस्थितियों में भी जीवन जीने की चेष्टा करती है
परंतु अंत मे मरने से पूर्व अपनी ननद रुक्मणी को अपनी बेटी के लिए कहती है भले ही
उसकी बेटी पूरे जीवन कुंवारी रहे या फिर ज़हर देकर मार दिया जाये, परंतु किसी कुपात्र से उसका विवाह न
करें ।
पाठक के दृष्टिकोण से सामाजिक
कुरीतियों और शक के भयानक दायरे और सामाजिक व्यवस्था को सफलतापूर्वक वर्णन किया
गया है, पुस्तक की भाषा सामाजिक परिस्थितियों
के अनुसार है,जिसमे अच्छे शब्दों का चयन किया गया है
इस
पुस्तक को मै दूर
दूसरों को पढ़ने के लिए इसलिये चाहूँगा, जिससे वह पुराने समय के ताने-बाने को
समझ सके।
इस
पुस्तक की पुस्तक समीक्षा का उद्देश्य है कि समाज व्यक्ति को वर्तमान मे अपने
कर्तव्यों और अधिकारों को ध्यान मे रखकर जीवन यापन करने दे।
दिनाँक
- 24/02/2024
समीक्षा कर्ता
एस के जैन
KV 1STC( द्वितीय पाली )
जबलपुर
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